उत्तर प्रदेश में पान मसाला और तंबाकू का सेवन करने वालों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है।
1 जून 2024 से पान मसाला और तंबाकू की एक ही दुकान पर बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का आद
उत्तर प्रदेश सरकार ने पान मसाला और तंबाकू के सेवन पर कड़ा रुख अपनाते हुए 1 जून 2024 से एक ही दुकान पर पान मसाला और तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश जनस्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है और इसकी सूचना एक अधिसूचना के माध्यम से दी गई है। इस निर्णय का आधार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत आने वाले खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विक्रय प्रतिषेध एवं निर्बन्धन) विनियम, 2011 के विनियम 2.3.4 को बनाया गया है, जिसमें किसी भी खाद्य पदार्थ में तंबाकू और निकोटिन का उपयोग एक अवयव के रूप में प्रतिबंधित है।
खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 का मुख्य उद्देश्य खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस अधिनियम के तहत, खाद्य पदार्थों में हानिकारक तत्वों का उपयोग प्रतिबंधित किया गया है ताकि उपभोक्ताओं को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन मिल सके। विनियम 2.3.4 में विशेष रूप से तंबाकू और निकोटिन का खाद्य पदार्थों में उपयोग प्रतिबंधित है। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि खाद्य पदार्थों में तंबाकू और निकोटिन जैसे हानिकारक तत्व न मिलाए जाएं, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता ह
उत्तर प्रदेश में प्रतिबंध का इतिहास
उत्तर प्रदेश सरकार ने 1 अप्रैल 2013 से ही तंबाकूयुक्त पान मसाला और गुटखा के निर्माण, पैकिंग, भंडारण, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। यह कदम राज्य की सीमाओं के भीतर तंबाकू उत्पादों के उपयोग को कम करने और जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया था। इस प्रतिबंध के बावजूद, कई पान मसाला निर्माण इकाइयों द्वारा तंबाकू का निर्माण पान मसाला के ब्राण्डनेम या किसी अन्य ब्राण्डनेम से किया जा रहा था और इन्हें एक साथ बेचने की प्रथा जारी थी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 23 सितंबर 2016 को Central Arecanut Marketing Copn. vs Union of India मामले में अपने आदेश में खाद्य सुरक्षा एवं मानक (विक्रय प्रतिषेध एवं निर्बन्धन) विनियम, 2011 के विनियम 2.3.4 का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। इस आदेश के तहत, पान मसाला और तंबाकू के संयुक्त निर्माण, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक लगाने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि इस नियम का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नए प्रतिबंध का प्रभाव
1 जून 2024 से लागू होने वाला यह प्रतिबंध तंबाकू और पान मसाला के संयुक्त बिक्री पर रोक लगाएगा। इसका मतलब यह है कि एक ही परिसर में या समान ब्राण्डनेम या भिन्न ब्राण्डनेम के तहत तंबाकू और पान मसाला का निर्माण, पैकिंग, भंडारण, वितरण और बिक्री नहीं की जा सकेगी। इस कदम का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग को कम करना और जनस्वास्थ्य को सुरक्षित रखना है।
तंबाकू और निकोटिन के हानिकारक प्रभाव व्यापक रूप से ज्ञात हैं। तंबाकू का सेवन कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों की बीमारियाँ और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। पान मसाला और गुटखा जैसे उत्पादों में तंबाकू और निकोटिन का उपयोग इन समस्याओं को और बढ़ा देता है। इन उत्पादों के सेवन से मुंह का कैंसर, दांतों की समस्याएं, और अन्य मौखिक रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। इस नए प्रतिबंध का उद्देश्य इन खतरों को कम करना और जनता को सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जीने में मदद करना है।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पान मसाला और तंबाकू की संयुक्त बिक्री पर लगाए गए इस नए प्रतिबंध का उद्देश्य जनस्वास्थ्य की सुरक्षा करना और तंबाकू के हानिकारक प्रभावों को कम करना है। यह निर्णय खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार लिया गया है। इस कदम से तंबाकू और पान मसाला के सेवन को कम करने में मदद मिलेगी और जनता को एक स्वस्थ जीवन जीने का अवसर मिलेगा।
1 जून 2024 से लागू होने वाला यह प्रतिबंध तंबाकू और पान मसाला के संयुक्त उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर रोक लगाएगा। इस नए नियम का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा कड़े कदम उठाए जाएंगे और जनता को भी इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। अंततः, यह कदम जनस्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया है और इससे लोगों के स्वास्थ्य में सुधार होगा।