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Ganesh Chaturthi 2024 date: जानिए कब मनाया जाएगा गणपति का ये पावन पर्व

Ganesh Chaturthi 2024 Date

Ganesh Chaturthi 2024 Date

Ganesh Chaturthi 2024 date

Ganesh Chaturthi 2024 date का पर्व हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और शुभता के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। गणेश चतुर्थी का पर्व मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, और तेलंगाना में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन यह अब देशभर में लोकप्रिय हो चुका है।

गणेश चतुर्थी 2024 की तिथि

Ganesh Chaturthi 2024 date

Ganesh Chaturthi का पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। 2024 में गणेश चतुर्थी का पर्व 7 सितंबर, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। यह दिन भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त गणपति की मूर्तियों को घरों और पंडालों में स्थापित करते हैGanesh Chaturthi 2024 DateGanesh Chaturthi 2024 Date

Ganesh Chaturthi 2024 Date

गणेश चतुर्थी का महत्त्व

Ganesh Chaturthi 2024 date

Ganesh Chaturthi का धार्मिक महत्त्व अत्यधिक है। ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की पूजा से जीवन में आने वाले सभी विघ्नों का नाश होता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं। इस दिन गणेश जी की पूजा अर्चना के साथ-साथ लोग व्रत भी रखते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के 108 नामों का जाप करना भी शुभ माना जाता है। गणेश चतुर्थी का यह पर्व दस दिनों तक चलता है। इन दस दिनों में गणपति को विविध प्रकार के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। खासकर, मोदक का भोग लगाया जाता है, जिसे भगवान गणेश का प्रिय माना जाता है।

गणेश चतुर्थी का इतिहास

Ganesh Chaturthi के पर्व की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसके विषय में विभिन्न कथाएं प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पर्व सबसे पहले महाराष्ट्र में शुरू हुआ था। इतिहास में पहली बार गणेश चतुर्थी का सार्वजनिक आयोजन छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में हुआ था। लेकिन इसके बाद यह पर्व धीरे-धीरे निजी स्तर पर मनाया जाने लगा।19वीं सदी में लोकमान्य तिलक ने इसे फिर से सार्वजनिक पर्व के रूप में मनाने की पहल की। उन्होंने गणेश चतुर्थी के माध्यम से लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया। इसके बाद से गणेश चतुर्थी का पर्व सार्वजनिक रूप से बड़ी धूमधाम से मनाया जाने लगा।

गणेश चतुर्थी की तैयारी

Ganesh Chaturthi 2024 date

Ganesh Chaturthi के पर्व की तैयारी बहुत पहले से शुरू हो जाती है। लोग अपने घरों और पूजा स्थलों की साफ-सफाई करते हैं। गणेश की मूर्ति की स्थापना के लिए विशेष मंडप बनाए जाते हैं। बाजारों में भी गणेश चतुर्थी के मौके पर विशेष रौनक होती है। लोग गणपति की मूर्तियां खरीदते हैं और उन्हें सजाने के लिए सामग्री भी।गणेश चतुर्थी के लिए विशेष प्रसाद की भी तैयारी की जाती है। मोदक, लड्डू, और अन्य मिठाइयाँ इस पर्व के मुख्य प्रसाद होते हैं। लोग गणपति के लिए नई पोशाकें और आभूषण भी खरीदते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन सुबह से ही लोग गणेश जी की पूजा की तैयारी में जुट जाते हैं।

गणेश चतुर्थी की पूजा विधि

Ganesh Chaturthi 2024 date

गणेश चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा विधि का विशेष महत्त्व होता है। सुबह स्नान करके लोग शुद्ध कपड़े पहनते हैं और पूजा स्थल को सजाते हैं। गणपति की मूर्ति को एक साफ स्थान पर स्थापित किया जाता है। इसके बाद पूजा की जाती है। पूजा में पंचोपचार या षोडशोपचार विधि का पालन किया जाता है।पहले गणपति का आवाहन किया जाता है, फिर उन्हें स्नान कराया जाता है। इसके बाद उन्हें वस्त्र, पुष्प, अक्षत, और चंदन अर्पित किया जाता है। गणेश जी को मोदक, फल, और अन्य मिठाइयाँ चढ़ाई जाती हैं। अंत में आरती की जाती है और गणेश जी को प्रणाम किया जाता है।

गणेश विसर्जन

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गणेश चतुर्थी के दसवें दिन गणपति का विसर्जन किया जाता है। यह दिन अनंत चतुर्दशी के रूप में जाना जाता है। इस दिन लोग गणपति की मूर्तियों को नदी, तालाब, या समुद्र में विसर्जित करते हैं। विसर्जन के दौरान गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे लगाए जाते हैं।विसर्जन के समय लोग भावुक होते हैं क्योंकि वे अपने प्रिय गणपति से विदा ले रहे होते हैं। लेकिन साथ ही, उन्हें अगले साल फिर से गणपति के आगमन की उम्मीद होती है।

गणेश चतुर्थी का सामाजिक पहलू

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गणेश चतुर्थी का पर्व न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस पर्व के दौरान लोग एकजुट होते हैं और मिल-जुलकर पर्व को मनाते हैं। गणेश चतुर्थी के मौके पर कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।गणपति के पंडालों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं, जैसे- गीत, नृत्य, और नाटक का आयोजन होता है। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी के समय लोगों में सेवा और दान की भावना भी जागृत होती है।

पर्यावरणीय मुद्दे और उपाय

Ganesh Chaturthi 2024 date

हाल के वर्षों में गणेश चतुर्थी के दौरान होने वाले विसर्जन के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चिंता बढ़ी है। गणपति की मूर्तियों के विसर्जन से नदियों और तालाबों का जल प्रदूषित होता है।इस समस्या का समाधान निकालने के लिए अब पर्यावरण के अनुकूल मूर्तियों का प्रचलन बढ़ रहा है। मिट्टी से बनी गणपति की मूर्तियों का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही, कई लोग घर में ही विसर्जन कर रहे हैं और पानी में मूर्ति घुल जाने के बाद उस पानी का पौधों में उपयोग कर रहे हैं।

गणेश चतुर्थी 2024 की उम्मीदें

गणेश चतुर्थी 2024 का पर्व निश्चित ही पहले से भी ज्यादा धूमधाम से मनाया जाएगा। इस पर्व के दौरान लोग एक बार फिर से अपने प्रिय गणपति का स्वागत करेंगे। साथ ही, इस बार लोग पर्यावरण के प्रति भी जागरूक रहेंगे।गणेश चतुर्थी का पर्व हमें एकता, प्रेम, और सद्भाव का संदेश देता है। भगवान गणेश की कृपा से सभी के जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति का वास हो। गणपति बप्पा मोरया!

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